इस संघर्ष पूर्ण जीवन में हम, एक क्षण को भी किसी को खुशी दे पायें, या मुस्कुराहट दें पायें, तो वो क्षण जीवन की सार्थकता बन जाता है, प्रयास चाहे छोटा ही क्यों ना हो।
इसी उद्देश्य से
आज हम (मैं, मेरे पति, मेरी बेटी ) एक कच्ची बस्ती में गये। वहाँ के निवासी अत्यंत अभावपूर्ण जीवन जीने को मजबूर हैं।छोटे छोटे बच्चों व लडके लडकियों तथा उनके माता-पिता, से हमने जाकर बातचित की, उनके साथ समय व्यतीतकर उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी, और वो किस प्रकार आगे बढ सकते हैं, जानकारी देकर उनका मनोबल बढानें की कोशिश की ।
साथ ही इस बस्ती में कपडे,खिलौने व खाद्य सामग्री का वितरण भी किया। इन बच्चों के लिये खाने के पैकेट मैं और मेरी बेटी अपने हाथों से बनाकर ले गये थे।
श्री सत्य इंदिरा फ़ाउंडेशन की संस्थापक श्रीमति स्मृति सारस्वत जी से बातचीत करके व उनके द्वारा किये जा रहे उत्कृष्ट कार्यों के बारे में जान कर बहुत खुशी हुई।
सचमुच ये बहुत ही सेवा भावी हैं। कर्मठता से समाज सेवा खासकर लडकियों महिलाओं की शिक्षा व जागरूकता के अपने कार्य को कर रहीं हैं। उन्हीं की टीम के एक बहुत ही कर्मठ व एक्टिव श्री पी सी खाडोलिया जी ने सारी व्यवस्था सम्भाली।निरंतर हमारे साथ बनें हुए थे। उन्हें बहुत बहुत साधुवाद देती हूँ
लगातार तेज होती बारिश के बीच, हमारे द्वारा किये गये प्रयासों की खुशी इन मासूम बच्चों, लडकियों महिलाओं के मुख पर देखने को मिली, जो प्रत्यक्ष झलक रही थी।
आगे भी इस तरह के प्रयास हम समय समय पर करते रहेंगे।
श्री सत्य इंदिरा फ़ाउंडेशन की संस्थापिका आदरणीय स्मृति जी का आज ये मैसेज प्राप्त हुआ ।
“आप सभी को मेरा नमस्कार”
*आज श्री सत्यइंदिरा फाउंडेशन(Ssif) में श्रीमती सुखमिला अग्रवाल जी का अपने परिवार सहित आना हुआ,उनके साथ उनके पति सुपुत्री व दोहिता आये थे। आपमे से बहुत से लोग इनसे परिचित भी है।
*श्रीमती सुखमिला जी अग्रवाल कुशल गृहणी के साथ एक समाज सेविका हैं, सभी के दुख में काम आने वाली ओर साथ ही बहुत अच्छी लेखिका भी है ।ये केवल खुद के लिए जिंदगी नहीं जीती हैं, बल्कि इनका जीवन परिवार के साथ साथ देश, समाज और लेखन कार्य को समर्पित है*
*आज इनके द्वारा गरीब बच्चों को खाना, कपड़े, खिलौने और बच्चों के लिए अन्य आवश्यक चीजे भी दी गयी ।
आज पूरे समय बारिश हो रही थी। रिमझिम बरसती बारिश मैं कैसे हम सबने भीगते हुए इन झुग्गीवासियों के साथ खुशियों के घण्टे बिताए...खुशियो के क्षण तो सभी बिताते है लकिन हम घंटों बिताते है....
आदरणीय श्रीमती सुखमिला जी ने Ssif के लिए बहुत अच्छी बातें कहीं,,,और संस्था द्वारा किए जा रहे कार्यो की सराहना की... निरंतर तेज होती बारिश में भी इन्होंने यह पुनीत कार्य जारी रखा। इन झुग्गीवासियों को आगे बढने पढ़ने लिखने की प्रेरणा दी।
बहुत ही सेवा भाव से इन्होंने खिलौने, कपडे तथा खाद्य सामग्री, जो ये खुद अपने हाथों से बनाकर लायीं थी, का वितरण किया।
सुखमिला अग्रवाल भूमिजा
लेखिका एवं समाज सेविका
जयपुर राजस्थान
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