बहुत सताया इश्क ने

बहुत सताया इश्क ने

बहुत सताया इश्क  ने अब  हर रिश्ता तुमसे तोड़ना है
तुम्हारे जागने  से पहले  मुझे  तुम्हारा  शहर छोड़ना है

ना कभी याद आना  ना  कभी  करना  अब जिंदगी में
अगर भूले से भी मेरा ख्वाब आए तो वापस मोड़ना है

बहुत सताया इश्क ने अब हर  रिश्ता तुमसे तोड़ना है
तुम्हारे जागने  से  पहले मुझे  तुम्हारा शहर छोड़ना है

किसी नए  ख्वाब  से अब रिश्ता  मुझे मेरा जोड़ना है
किसी दूसरे  शहर  में जाकर  पड़ाव  मुझे  डालना है

याद  जरूर  आएगी  तुम्हारी  और  तुम्हारे  शहर की
मन  से  हर बात को  जरूर से  अब जरूर टालना है

बहुत सताया इश्क ने अब हर रिश्ता तुमसे तोड़ना है
तुम्हारे  जागने  से पहले मुझे तुम्हारा शहर छोड़ना है

रचनाकार बंजारा महेश राठोर सोनू 
गांव राजपुर छाजपुर गढी
जिला मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश

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