,आखरी सलाम

विषय वो आखरी सलाम था
विधा गीत
दिनांक 6/09/2022

सीमा से तिरंगे में लिपटा अमर सपूत घर आया।
नैनों से अश्रुधारा बही सबका कलेजा भर आया। 
जिसके जोश जज्बे का कायल हर दिलवाला था। 
वो देशभक्त मतवाला था वो देशभक्त मतवाला था

भारत मां का लाड दुलारा वो राष्ट्रप्रेम पुजारी था।
बहना का भाई रक्षक दुश्मन पर कितना भारी था।
धन्य धन्य वो मात पिता घर में ऐसा बेटा आया।
घर की पावन देहरी आंगन जग रोशन कर आया।
सरहद पे सजग रहता तूफानों से पड़ता पाला था।
वो देशभक्त मतवाला था वो देशभक्त मतवाला था

अमर शहीद नमन करने उमड़ पड़ा सब गांव था।
भाव भरा हृदय सारा अधरो पे लाल का नाम था।
वीर वीरांगना नारी का वीर अमर सुहाग कर गया।
तोपों से दी गई सलामी श्रद्धा से दिल भर गया।
खतरों से खेल खेलता सरहद का रखवाला था।
वो देशभक्त मतवाला था वो देशभक्त मतवाला था

गोला बारूद की भाषा में दुश्मन से भीड़ जाता।
शीश चढ़ाकर सीमा पर माटी का कर्ज चुकाता।
अमर सपूत सेनानी पिता की आंखों का तारा था।
सिंदूर भार्या सौभाग्य जननी का राजदुलारा था।
अमर रहे तू अमर रहे सपूत जिंदाबाद हवाला था।
वो देशभक्त मतवाला था वो देशभक्त मतवाला था

रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थान

Please Select Embedded Mode To Show The Comment System.*

Previous Post Next Post

Contact Form