आओ! आज प्रवेश उत्सव मनावें।
आओ ! आज
शाला प्रवेश उत्सव मनावें।
बच्चे घर में ना रहें
मधुर घंटी की आवाज सुन
पाठशाला की ओर दौड़ चलें ।
शिक्षा की मंद सुगंध बयार बहे
हर गली गांव शहर ;
शिक्षा की हर डगर दीप जले
आओ! आज ऐसा जतन करें
शिक्षा की मनन करें
विकसित हमारा प्रदेश हो
ना कहीं तम, न क्लेश हो
हर घर ज्ञान का संदेश हो
धरा से गगन तक
अनंत ऊंचाइयों तक
प्रदेश का हर पल मान बढ़े
एक नव नया कीर्तिमान गढ़े।
आओ ! आज
आज प्रवेश उत्सव मनावें।
समृद्धशाली प्रदेश की संकल्पना
विकसित राज्य की परिकल्पना ,
हर हाथो में शिक्षा की मशाल हो
"छत्तीसगढ़ महतारी" निहाल हो
आओ !आज प्रवेश उत्सव मनावें।
विजय पंडा घरघोड़ा
संपर्क 9893230736
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कविता