आओ!देश के वीर युवा उठें
जग में राणा की हुंकार भरें ।
शौर्य - शक्ति से विजय बनने ,
कर्मक्षेत्र का सर्व सम्मान करें।।
त्याग;तपस्या की भरत भूमि में
सत्य,सँस्कृति का अलख जगावें।
रक्त को तप्त तन में रहने देना ,
इतिहास के लिए कलम बनावें।।
देश पटल पर हे! युवा ,
नव हस्ताक्षर की साहस भरें।
झुक न जाना अहंकारों पर
राम सदृश धैर्य आभूषण धरें।।
स्व - विवेक की नव ज्योति से
नव पथ का आज श्रृंगार सजे।
भारत की मान - सम्मान पर
विजय गीत की संगीत बजे।।
मधुर तरंगों में समता की भाव जगे
युवा शक्ति में प्रण प्रण की संकल्प बहे।
आओ ! देश के युवा उठ बढ़े चलें
आसमाँ में सफलता की ध्वज गढ़ें।।
विजय पंडा रायगढ़
मो0 - 9893230736
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कविता