नमन वंदन

नमन वंदन
वंदन अभिनंदन नव वर्ष 2021
 खिले स्वर्णिम रश्मियां,
 प्रगति की,,,,, 
हो ज्योत्सना सी,
सुनहरी छांव जिंदगी,,,।
 मधु,,,,प्रेम श्रद्धा के,
खिलते रहे उपवन,,,,,
 नव सुधा रस,
 अमिय भाव जिंदगी,,,,,,,,,।
त्याग संवेदनाओं के,
 बनते रहे आभूषण,,,,
लहराता रहे रहमत ,
भरा आंचल जिंदगी,,,,,,,,,,।
चुकाते रहे कर्ज,
 मां माटी का हम सब,
बहती रहे मनोभावों की,
 सरिता जिंदगी,,,,,,,,,,।
   ❤️मधु वैष्णव "मान्या"❤️
 स्वरचित मौलिक विधा मुक्त रचना, जोधपुर ,राजस्थान

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