आओ बैठकर गीत लिखें

आओ! बैठ कर गीत लिखें

आम्र बौर के नीचे
आओ ! बैठ कर गीत लिखें ;
हल्की - बहकी ठंड में
सपनों में आओ मीत चुनें।

बसंत सुहानी है जीवन मे
आओ!यादों की गीत बुनें ;
मीठे - मीठे शब्दों से
जीवन में एक गीत लिखें।

बौर न जमीं पर गिर जाना 
मौसम से तुम लड़ जाना ;
फल जीवन मे रस ला देना
आओ संघर्ष के पंक्ति लिखें।

दूर शहर से चौराहे में 
आम्र तुम अविचल खड़े रहना ;
आए पथिक तो मंद बयार से 
मेरा परिचय पढ़ देना।

पतझड़ आए न आए
किंचित ; भी तुम न घबराना ,
अमराई में कोयल के लिए
गीत एक तो लिख जाना।

आम्र बौर के नीचे
आओ!बैठ कर गीत लिखें ;
तितली किट पतंगों साथ
गीत सृजन के शब्द चुनें।

बसन्त सुहावनी हो हर जीवन में
हरित पीत पत्ते बन गिर न जाना ;
आम्र बौर के नीचे आओ 
सप्त सुरों की संगीत लिखें।

              विजय पंडा घरघोड़ा
                     रायगढ़

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