नान्हेपन के बात अलग हे
सूरता आथे बड़ भारी,
सबो के संग मा सरग बरोबर
लागय स्कूल ह संगवारी ।।
दया मया के मंदिर एहर
इही दुवारी ज्ञान के ,
रखले थोकिन मान मनुज के
का करबे जग ला जानके ।।
अंगरी धरके रद्दा रेंगइय्या
गुरु हा देथे मया दुलार,
संगे संग मा चलबे ताहन
हो जाथे सबके नइय्या पार।।
कवि - भास्कर वर्मा
ग्राम - चंदना, छत्तीसगढ़
सूरता आथे बड़ भारी,
सबो के संग मा सरग बरोबर
लागय स्कूल ह संगवारी ।।
दया मया के मंदिर एहर
इही दुवारी ज्ञान के ,
रखले थोकिन मान मनुज के
का करबे जग ला जानके ।।
अंगरी धरके रद्दा रेंगइय्या
गुरु हा देथे मया दुलार,
संगे संग मा चलबे ताहन
हो जाथे सबके नइय्या पार।।
कवि - भास्कर वर्मा
ग्राम - चंदना, छत्तीसगढ़
Tags:
कविता