Homeमुक्तक सताया है बहुत हमको byआवाज़-ए-हिन्द -April 16, 2021 मुक्तकसताया है बहुत हमको ,खता गर जब हुई हमसे ।डराया है बहुत खुद को ,लता शरमागई भ्रम से ।।होश मधहोश गति श्रम की,प्रवासी जीव परिभाषित ।बेबफा हो नमन फिर भी ,बफा के कायदे नम से ।।डॉ अनुज कुमार चौहान "अनुज"अलीगढ़, उत्तर प्रदेश। Tags: मुक्तक Facebook Twitter