वीर -पुरूष इतिहास रचाने आते हैं।
दिग्दिगंत का भार उठाने आते हैं।।
कठिन डगर आसान बनाने वाले ये।
कमजोरों को पार लगाने आते हैं।।
शूरवीर इनको आजादी से मतलब।
तीर और तलवार चलाने आते हैं।।
मातृभूमि से मतलब इन दीवानों को।
हृदयों पर अधिकार जमाने आते हैं।।
योद्धा कभी नहीं छिपते हत्यारों से।
हथियारों पर धार चढ़ाने आते हैं।।
सवा लाख पर एक अकेला काफी है।
वसुंधरा का बोझ हटाने आते हैं।।
कुलकलंक बन जाता है जो जीवन में।
उनका नाम निशान मिटाने आते हैं।।
कफ़न बांधकर चलने की आदत इनकी।
भारत मां की शान बढ़ाने आते हैं।।
स्वाभिमान की रक्षा में मिट जाना है।
यही है हिंदुस्तान बताने आते हैं।।
डरकर कायर बनकर जीना क्या जीना।
जी लो सीना तान सिखाने आते हैं।।..."अनंग "
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कविता