संविधान दिवस
संविधान या विधि दिवस,आओ मानें आज।
एक सूत्र में बाँधने,करता है यह काज।।
पुस्तक नियम विधान का,रखना साजों साज।
लोकतंत्र का मान है,करना इस विधि राज।।
ऊँच-नीच का भेद तो,करता नहीं समाज।
छुआछूत भी कम हुआ, करते हम भी नाज।।
जनता चुनती है जिसे,पहना उसको ताज।
शासक जनता साथ हों,बनता तभी सुराज।।
गाँव-कस्बा या नगर, बना पंचायत राज।
सबको मिलता मान है,रहे नित राम- राज्य।।
संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
...✍️ _सुधा पण्डा
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कविता