मुंबई
जयपुर की साहित्यकार सुखमिला अग्रवाल'भूमिजा' दिल्ली में होगी वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित।
जयपुर की सुखमिला अग्रवाल'भूमिजा' को अंतरराष्ट्रीय काव्य प्रेमी मंच द्वारा उनके "आयुर्वेद को जानें' सांझा संकलन में भागीदारी हेतु दिल्ली में एक अंतरराष्ट्रीय भव्य कार्यक्रम में 'गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ' से सम्मानित किया जाएगा।
आयुर्वेद की एक अत्यंत महत्वपूर्ण औषधी, 'दूब' (दूर्वा) जिसे 'घास' भी कहा जाता है, विषय पर सुखमिला अग्रवाल'भूमिजा'ने दोहा विधा में अपनी लेखनी चलायी है। यह सम्पूर्ण पुस्तक दोहा छंद विधा में लिखी गयी हैं।
सुखमिला अग्रवाल'भूमिजा' ने पचास दोहों के द्वारा 'दूब' के सम्पूर्ण औषधीय गुणों को अर्थ सहित वर्णित किया है।
अंतरराष्ट्रीय काव्य मंच की संस्थापिका
डा. ममता सैनी ( तंजानिया) के द्वारा यह अत्यंत महत्वाकांक्षी समाजोपयोगी सांझा संकलन को सम्पादित किया है।इसमें देश विदेश के लगभग 127 साहित्यकारों ने पृथक-पृथक विषयों पर लेखनी चलाई है। इस पुस्तक को ' गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' के लिए चयनित कर लिया गया है। इस पुस्तक का विमोचन 11 मई 2024 दिल्ली में किया जायेगा। बताते चलें कि सुखमिला अग्रवाल'भूमिजा' को इससे पहले भी चार वर्ड रिकॉर्ड उनके चार विशिष्ट साहित्यिक सांझा ग्रंथों में भागीदारी के लिए प्राप्त हो चुका है।
बहुमुखी प्रतिभा की धनी सुखमिला अग्रवाल'भूमिजा' न केवल हिंदी साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है, बल्कि इन्हें नृत्य, चित्रकारी, खाना खजाना, फैशन डिजाइनिंग, ,आर्ट वर्क आदि के लिए भी कई सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है। ये कई साहित्यिक पटलों पर अपनी निशुल्क सेवाएं दे रही है।
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