सुविचार

सुविचार 

कहनेवाले सब यथा चलकर 
रास्ते को स्पष्ट कर दिया है।
चलनेवाले जो हम उस पर कांटे
बिछा ना लिया तो अच्छा है।।

जन्मदाताओं ने ऊँचे सपने के साथ 
धरती पर तो हमें ला दिया है।
जन्म लिए हुए हम उसके साकार रूप पर कालिक पोत ना लिया तो अच्छा है।।

जन्म की सार्थकता के लिए ढेर सारे 
अवसर हमारे सामने बिखरे पड़े हैं।
अन्य आकर्षण के शिकार होकर उन 
अवसरों को मध्य ना कर लिया तो अच्छा है।।

"रमता राम, टिकना मौत"- वाली बात 
हमारे बुजुर्गों की साधना से स्पष्ट होती है।
इसके ज्ञात में भी अगर जीवन पथ पर 
कदमों को धीमा ना बना लिया तो अच्छा है।।

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रमेश बोंगाले बी.एन.
चिकमगलूर, कर्नाटक
मोबाइल - 9845195169

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